यूरेटेरिक पथरी – अर्थ, लक्षण और इलाज

मूत्र पथ (urinary tract) में किसी भी जगह पर पथरी हो सकती है। छोटी छोटी पथरी खुद पेशाब के माध्यम से बहार निकल जाती है परन्तु जो बड़ी पथरी होती हैं वो कही भी फस सकती हैं। मूत्र पथ के कौन से हिस्से में पथरी फसी हुई है उसके अनुसार पथरी भी कई तरह की हो सकती हैं। 

अगर पथरी किडनी में हो तो उसे किडनी की पथरी कहा जाता है, अगर पथरी यूरेटर (ureter), जो की 2 ट्यूब होती हैं जो किडनी और मूत्राशय को जोड़ती हैं, में फसी हो तो उसे यूरेटेरिक पथरी कहा जाता है और अगर पथरी मूत्राशय में हो तो उसे मूत्राशय की पथरी कहा जाता है। 

इस लेख में मैं आपको यूरेटेरिक पथरी के बारे में बताना चाहता हूँ। मैं आपको बताऊंगा कि इसका अर्थ क्या होता है और इसके कुछ इलाजों के बारे में भी चर्चा करूँगा। 

यूरेटेरिक पथरी का अर्थ 

मूत्र पथ में पाए जाने वाली सारी पथरी किडनी में ही जन्म लेती हैं। इसके बाद पेशाब के माध्यम से यह मूत्र पथ में कही भी जाके अटक सकती हैं। आसान भाषा में कहा जाये तो यूरेटेरिक पथरी एक ऐसी पथरी है जो किडनी से निकल कर यूरेटर्स तक पहुँच गयी है। 

अगर इस पथरी का आकार यूरेटर्स से छोटा हो तो वो पेशाब के साथ बह कर नीचे मूत्राशय में आ जाती है। लेकिन अगर उनका आकार बड़ा हो तो वो यूरेटर्स में फस जाती हैं। 

यह यूरेटेरिक पथरी या तो एक या दोनों यूरेटर्स में भी पायी जा सकती है। इन पथरी के यूरेटर्स में फसने से पेशाब का बहाव भी रुक सकता है जिससे मरीज़ को बहुत भयानक दर्द हो सकता है। 

यूरेटेरिक पथरी के लक्षण

यूरेटेरिक पथरी से पीड़ित लोगों में कुछ लक्षण देखें जाते हैं जो की मैंने नीचे एक सूची में बताऐ है: 

  • दर्द: यह दर्द आपके पेट के निचली हिस्से या पेट के दोनों तरफ (flanks) भी हो सकता है। ये इस चीज़ पर निर्भर करेगा की पथरी किस तरफ फंसी हुई है। यह दर्द कम, मद्धम या बहुत खतरनाक भी हो सकता है। दर्द आता जाता भी रह सकता है (यूरेटर्स के सुकड़ने और शिथिल होने पर) और मरीज़ को ऐसा भी महसूस हो सकता है जैसे दर्द किसी और तरफ जा रहा हो। 
  • पेशाब करते वक्त दर्द या जलन होना 
  • पेशाब में खून आना 
  • बार बार पेशाब आना 
  • उल्टी होना 
  • बुखार होना 
  • अगर आपके दोनों यूरेटर्स पूरी तरह से बंद हो गए हो तो मरीज़ पेशाब जा ही नहीं सकेगा जिसकी वजह से उसको बहुत दर्द हो सकता है। 

लेफ्ट और राइट यूरेटेरिक पथरी में कोई फर्क रहता है?

यूरेटर की पथरी दोनों में से किसी भी यूरेटर में हो सकती है। अक्सर मुझसे पूछा जाता है कि लेफ्ट और राइट यूरेटेरिक पथरी में क्या फर्क होता है? इस उपलेख में मैं इसी विषय में चर्चा  करूँगा। 

जिस भी तरफ के यूरेटर में पथरी फसी हो आपको उसी तरफ पेट में दर्द महसूस होगा। उसके अलावा लेफ्ट या राइट यूरेटेरिक पथरी में कुछ खास फर्क नहीं होता है। दोनों यूरेटर में पथरी होने की एक सी संभावना है और पथरी किसी भी यूरेटर में जा सकती है।  

यूरेटेरिक पथरी का इलाज 

अगर आप ऊपर दिए गए किसी भी लक्षण का सामना करते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। यूरेटेरिक पथरी का तुरंत इलाज करना बहुत ज़रूरी होता है। 

यह निश्चित करने के लिए की आप यूरेटेरिक पथरी से पीड़ित हैं या नहीं, आपके डॉक्टर आपके लिए कुछ टेस्ट करेंगे जैसे की एक्स-रे (X-Ray), सीटी स्कैन (CT Scan), आदि। इन टेस्टों से पता चल जाएगा की आपको यूरेटेरिक पथरी है या नहीं और अगर है तो वो कहा पर मौजूद है ताकि उसका इलाज सही से हो पाए। 

यूरेटेरिक पथरी का बाहर आना बहुत ज़रूरी होता है। अगर वो फसी रह जाये तो उसके पीछे पेशाब इक्कठा होते रहता है और ऊपर किडनी तक पहुँच कर, किडनी में सूजन और इन्फेक्शन को जन्म दे सकता है जिससे आगे चल कर आपकी किडनी फेल भी हो सकती है। अगर पथरी बहुत छोटी हो तो वो खुद भी बहार आ जाती है। इससे बढ़ावा देने के लिए मरीज़ को बहुत सारा पानी पीने की सलाह दी जाती है। 

अगर पथरी का आकार थोड़ा बढ़ा है की वो खुद से बहार न आ सके पर इतना भी बढ़ा न हो की वो बिलकुल अटकी हुई हो, तो उससे दवाओं से ठीक किया जा सकता है। कुछ दवाएं जैसे अल्फा-ब्लॉकर्स (Alpha channel blockers) इस्तेमाल किये जाते हैं जिससे पेशाब का बहाव बढ़ता है और पथरी निकलने में आसानी होती है।  परन्तु इन दवाओं के कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं जैसे बीपी कम हो जाना। इसलिए इनको बहुत ध्यान से इस्तेमाल करना होता है। 

अगर आपकी पथरी का आकार ज़्यादा बढ़ा है तो उसके लिए दवाओं का उपयोग नहीं किया जा सकता है। ऐसे मामलों में कुछ इंडोस्कोपिक (endoscopic) या सर्जिकल (surgical) तरीके अपनाने पढ़ते हैं। शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (Shock Wave Lithotripsy) ऐसा एक तरीका है जिसमे बाहर से ही शॉक वेव्स (Shock waves) भेज के अंदर पड़े पथरी को छोटे छोटे हिस्सों में तोड़ दिया जाता है जो पेशाब के रस्ते से खुद बहार आ जाते हैं। 

कुछ और सर्जिकल तरीकों का उपयोग किया जा सकता है जैसे की:

यूरेटेरोस्कोपी (Ureteroscopy)

परक्यूटनेयस नेफ्रोलिथोटॉमी (Percutaneous Nephrolithotomy)

इन तरीकों की सटीक प्रक्रिया बताना इस लेख में मुमकिन नहीं है पर आपको पता होना चाहिए कि ऐसे तरीके भी इस्तेमाल होते हैं। अगर आपको पथरी की परेशानी आती है तो आपके डॉक्टर ही आपके सही इलाज का फैसला लेंगे। 

मूत्राशय में पथरी के लक्षण 

किडनी में बनने वाली पथरी नीचे मूत्राशय तक भी पहुँच सकती हैं। इन पथरी की एक खास बात यह है की क्युकी मूत्राशय का आकार मूत्र पथ के बाकि अंगों जैसे किडनी, यूरेटर, आदि से काफी बड़ा होता है, इसमें पाए जाने वाले पथरी का आकार भी बहुत बड़ा हो सकता है। कभी कभी बड़ा आकार होने के बावजूद भी यह पथरी कुछ लक्षण नहीं दिखाती हैं। 

बाकी लोगों में मूत्राशय में पथरी होने से जो लक्षण हो सकते हैं उनकी सोची मैंने नीचे दी है। 

  • पेट के निचले हिस्से में दर्द होना 
  • पेशाब करते समय दर्द होना 
  • बार बार पेशाब आना 
  • पेशाब में खून आना 
  • पेशाब करने में तकलीफ होना 
  • पेशाब का बादली होना 
  • पेशाब का बहुत गहरा रंग होना 

सारांश 

आशा करता हूँ की इस लेख से आपको यूरेटेरिक पथरी और मूत्राशय में पाये जाने वाली पथरी के बारे में ज्ञान प्राप्त हुआ हो। अगर आपको ऐसी कोई भी शिकायत आती है तो तुरंत अपने डॉक्टर को संपर्क करें और उन से सही इलाज लें।

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