आज हमारी बदलती जीवन शैली और खानपान की वजह से पथरी की समस्या बहुत आम हो गयी है। अक्सर सुनने मिलता है की किसी को पथरी की शिकायत है। या तो किडनी की पथरी या पित्ताशय (gall bladder) की पथरी या कोई अन्य पथरी।
पथरी होने के बहुत से कारण हो सकते हैं। जब तक पथरी का आकार छोटा होता है तब तक बहुत से लोगों में इसके की भी लक्षण नहीं दिखते हैं। ऐसे लोगों में इन पथरी का पता तब चलता है जब वह किसी और बीमारी के लिए अपने टेस्ट करवा रहे हों।
लेकिन जैसे जैसे पथरी का आकार बढ़ता जाता है, वैसे ही उसके लक्षण भी दिखने लगते हैं। अगर पथरी का सही समय पर इलाज न किया जाये तो वो हमारे लिए जान लेवा भी साबित हो सकती है। इसलिए बहुत ज़रूरी है की आप पथरी के बारे में कम से कम बुनियादी जानकारी से तो वाकिफ हो।
इस लेख में मैं शरीर में होने वाले पथरी के बारे में बात करूँगा। पथरी हमारे शरीर में कहाँ कहाँ हो सकती है, पथरी क्यों होती है और पथरी कैसे होती है, इन सब प्रश्नों के उत्तर आपको इस लेख के अंत तक मिल जाएंगे।
पथरी कहाँ होती है?
पथरी होना बहुत से चीज़ों पर निर्भर करता है जैसे आपके जीन्स (genes), खान पान, यदि आपको पहले कभी पथरी की शिकायत रही है, यदि आपके परिवार में किसी को पथरी की शिकायत रही हो, आदि। इन सब चीजों को माध्यम नज़र रखते हुए यह जानना बहुत ज़रूरी है की हमारे शरीर में पथरी कहाँ कहाँ हो सकती है।
हमारे शरीर के बहुत से अंग हैं जहाँ लोगों में पथरी को पाया गया है। अकसर पथरी ऐसी जगाहों पर पायी जाती है जहाँ पर शरीर में मौजूद कोई रसायन अधिक मात्रा में इकठे होते हों। ऐसा होने से खनिज पदार्थों की आपस में जुड़ कर पथरी बनाने की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है। परन्तु और भी स्थानों पर पथरी को देखा गया है।
नीचे दी गयी सूची में वो अंग लिखे हैं जिनमें मानव शरीर में पथरी को देखा गया है।
- किडनी
- पित्ताशय (gall bladder)
- मूत्राशय (urinary bladder)
- अग्न्याशय (pancreas)
- पौरुष ग्रंथि (prostate)
- मुँह
- गला
- नाक
- आंत (intestines)
- यहाँ तक की नसों में भी पथरी पायी जाती है।
इन सारे अंगों के पथरी होने के अलग कारण होते हैं। इन में से सबसे आम तौर पर पथरी मूत्र पथ के अंगों जैसे किडनी और मूत्राशय और पित्ताशय में पायी जाती है।
इस लेख में हम केवल मूत्र पथ के अंगों में पाए जाने वाली पथरी यानी किडनी और मूत्राशय में पाई जाने वाली पथरी के बारे में चर्चा करेंगे।
पथरी क्यों होती है?
किडनी के पथरी होने के कुछ कारण और जोखिम होते हैं। जिन लोगों में यह कारण मौजूद होते हैं उन लोगों को किडनी की पथरी होने का ज़्यादा जोखिम रहता है। इस उपलेख में हम उन्ही कारणों के बारे में जानेंगे।
- कम पानी पीना
- खान पान
- मोटापा
- कोई अन्य बीमारियां
- पारिवारिक या व्यक्तिगत इतिहास
- कुछ दवाएं
कम पानी पीना
कम पानी पीना किडनी की पथरी होने का सबसे प्रमुख कारण होता है। पानी न पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिसके चलते पेशाब में भी कम पानी निकलता है। ऐसा होने से पेशाब में घुले खनिज पदार्थ पानी से अलग हो कर आपस में जुड़ जाते हैं और पथरी का निर्माण कर देते हैं।
यह समस्या गर्मी के समय में और बढ़ जाती है क्युकी पसीना आने से हमारे शरीर का पानी निकल जाता है और अगर उसे सही मात्रा में वापस न पीया जाये तो शरीर में पानी की बहुत ज़ादा कमी हो जाती है। किडनी के पथरी का सबसे आसान बचाव खूब सारा पानी पीना है। दिन में कम से कम 3 से 4 L पानी अवश्य पीना चाहिए।
खान पान
हमारा खान पान भी किडनी की पथरी होने में भूमिका निभाता है। रोज़मर्रा के खाने में बहुत अधिक प्रोटीन खाना, या अधिक नमक खाना या अधिक चीनी खाना किडनी के पथरी के लिए इंसान को जोखिम में डाल सकते हैं। प्रोटीन से मिलने वाले प्यूरीन शरीर में जा कर यूरिक एसिड में बदल जाते हैं जिससे यूरिक एसिड के पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है।
अधिक नमक खाना किडनी के पथरी के लिए सबसे बढ़ा खतरा है क्युकी इससे हमारे किडनी को ज़्यादा कैल्शियम को पेशाब में निकलना पड़ता है जिससे पेशाब में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है और कैल्शियम के पथरी होने का जोखिम भी बढ़ जाता है।
मोटापा
जिन लोगों का वज़न नार्मल बीएमआई (BMI) से ज़्यादा होता है या उनके कमर का आकार नार्मल से ज़्यादा होता है उनको पथरी होने का खतरा नार्मल बीएमआई वाले किसी व्यक्ति से ज़्यादा होता है।
कोई अन्य बीमारियां
अगर आपको पहले से कोई और बीमारी है जैसे की ह्यपरपैराथीरोइडिस्म (Hyperparathyroidism), या बार बार पेशाब में इन्फेक्शन होना, रीनल तुबुलर एसिडोसिस (Renal Tubular Acidosis), सिस्टीन्यूरिआ (Cystinuria), शुगर की बीमारी या मधुमेह, गाउट (Gout), आदि तो भी आपको किडनी में पथरी होने का खतरा किसी स्वस्थ इंसान से ज़्यादा है।
पारिवारिक या व्यक्तिगत इतिहास
अगर आपको पहले कभी किडनी के पथरी की शिकायत हुई है या आपके परिवार का कोई सदस्य पथरी की शिकायत से पीड़ित है तो आपको पथरी होने की सम्भावना ज़्यादा होती है।
कुछ दवाएं
किसी और बीमारी के लिए दी जाने वाली दवाएं जैसे विटामिन सी की गोली, कैल्शियम की गोली, माइग्रेन (Migraine) में दी जाने वाली दवाएं, डिप्रेशन (Depression) में दी जाने वाली दवाएं, जुलाब (अगर अधिक मात्रा में लिया जाये), आदि भी आपको किडनी के पथरी होने के लिए अतिसंवेदनशील बना सकती है।
पथरी कैसे होती है?
मूत्र पथ में पाए जाने वाले पथरी का निर्माण किडनी में ही होता है। उसके बाद वो वहाँ से पेशाब के साथ बह कर नीचे दुसरे अंगों जैसे यूरेटर्स और मूत्राशय में पहुँच जाती हैं। किडनी में पथरी बनने का बुनियादी रूप से एक ही कारण होता है। जब हमारे पेशाब में कुछ खनिज पदार्थों जैसे कैल्शियम (Calcium), ऑक्सालेट (Oxalate), फॉस्फेट (Phosphate), यूरिक एसिड (Uric Acid), सिस्टीन (Cystine), आदि की मात्रा नार्मल से अधिक हो जाये और पेशाब में उतना पानी न हो की वो इन खनिज पदार्थों को घोल के रख पाए, तब ये पदार्थ साथ में जुड़ कर पथरी का निर्माण कर देते हैं।
इसके अलावा कुछ पदार्थ होते हैं जो इन खनिज पदार्थों को पेशाब में घुले रहने में मदद करते हैं। अगर पेशाब में उनकी कमी हो जाये तब भी ये खेज पदार्थ जुड़ कर पथरी बना देते हैं।
इसके अलावा कुछ कीटाणु होते हैं जैसे प्रोटियस (Proteus) जो अपने उपापचय से पेशाब को क्षणीय (alkaline) बना देते हैं जबकि हमारा नार्मल पेशाब अम्लीय (acidic) होता है। ऐसा होने से पेशाब में घुले हुए कुछ पदार्थ जैसे मैग्नीशियम (Magnesium), अमोनियम (Ammonium), फॉस्फेट (Phosphate) और कैल्शियम कार्बोनेट (Calcium Carbonate) पेशाब से बाहर आ कर आपस में जुड़ जाते हैं और स्ट्रवाइट (Stuvite) किस्म के पथरी का निर्माण करते हैं।
किडनी की पथरी किस खनिज पदार्थ से बनी है, उसके अनुसार इसके कुछ प्रकार होते हैं जैसे की:
- कैल्शियम ऑक्सालेट की पथरी (Calcium Oxalate stones)
- कैल्शियम फॉस्फेट की पथरी (Calcium Phosphate Stone)
- यूरिक एसिड की पथरी (Uric Acid stones)
- सिस्टीन की पथरी (Cystine stones)
- स्ट्रवाइट पथरी (Struvite stones)
सारांश
आशा करता हूँ की इस लेख के माध्यम से आपको पथरी और विशेष रूप से किडनी में होने वाली पथरी के बारे में ज्ञान मिला हो। अगर आपको पथरी की शिकायत है तो सिर्फ अपने डॉक्टर की सलाह को ही मानें। खुद से कोई घरेलु नुस्खे करने की कोशिश कभी न करें क्योंकि ऐसा करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है।