नेफ्रोलॉजी(nephrology): क्या है, नेफ्रोलॉजिस्ट के काम, पढ़ाई, जरूरत

नेफ्रोलॉजी क्या है, दरअसल नेफ्रोलॉजी ग्रीक भाषा के शब्द नेफ्रोस और लॉजी शब्द से मिलकर बना है। नेफ्रोस का मतलब होता है “किडनी” और लॉजी का अर्थ होता है “का अध्ययन” अर्थात नेफ्रोलॉजी का शाब्दिक अर्थ है “किडनी का अध्ययन”। इसमें किडनी का काम, किडनी की बीमारियाँ और उनके इलाज, किडनी का स्वास्थ्य और संरक्षण, और किडनी के लिए बेहतर दवाओं से लेकर आहार और किडनी प्रत्यारोपण तक शामिल हैं।

कौन होते हैं नेफ्रोलॉजिस्ट

नेफ्रोलॉजी के अध्ययन को सफलता से पूरा करने के बाद लगभग 3 साल के प्रशिक्षण के बाद एक व्यक्ति नेफ्रोलॉजिस्ट बन जाता है। नेफ्रोलॉजिस्ट को हिंदी में किडनी रोग विशेषज्ञ कहा जाता है। नेफ्रोलॉजिस्ट एक तरह का विशेषज्ञ होता जो मुख्य तौर पर किडनी से संबंधित स्थितियों (किडनी के काम से लेकर इलाज तक) की गहन जानकारी रखता है। यदि एक सामान्य डॉक्टर को लगता है कि मरीज को किडनी से संबंधित परेशानी है तो वह उसे नेफ्रोलॉजिस्ट को दिखाने की सलाह देता है।

नेफ्रोलॉजिस्ट कैसे बना जा सकता है

नेफ्रोलॉजिस्ट किडनी का जानकार होता है, वह किडनी से संबंधित बीमारियों को पहचानकर उनके इलाज करने में सक्षम रहता है। नेफ्रोलॉजी आंतरिक चिकित्सा प्रणाली का गहन अध्ययन होता है, इसके साथ नेफ्रोलॉजिस्ट बनने के लिए व्यक्ति को क्या करना चाहिए जानिए-

  • 12वीं के बाद MBBS की डिग्री पूरी करें।
  • तीन वर्ष का स्नातकोत्तर प्रशिक्षण (MD) आंतरिक चिकित्सा (internal medicine) या बच्चों के दवा प्रणाली (pediatrics) में करें।
  • नेफ्रोलॉजी केंद्रित  2 से 3 साल का रेजीडेंसी कार्यक्रम (Residency program) DM या DNB पूरा करें।
  • इन सभी के बाद नेफ्रोलॉजिस्ट प्रमाण परीक्षा उत्तीर्ण करें।

कुछ नेफ्रोलॉजिस्ट जहाँ विशेषज्ञ चिकित्या के रूप में कार्य करते हैं तो कुछ नेफ्रोलॉजी के अध्यापन का रुख कर लेते हैं।

किन स्थितियों का इलाज करता है नेफ्रोलॉजिस्ट

किडनी रोगों का विशेषज्ञ होने के नाते एक नेफ्रोलॉजिस्ट ऐसी परेशानियाँ और स्थितियों का इलाज करता है जो किडनी से संबंधित होती हैं। क्या हैं ऐसी स्थितियाँ जानिए-

  • पेशाब में प्रोटीन
  • दीर्घकालीन किडनी विफलता (chronic kidney disease)
  • किडनी में संक्रमण
  • मूत्रपथ संक्रमण (Urinary Tract Infection, UTI)
  • ग्लोमेरुलिफ्रिटीस जैसी बीमारी के कारण किडनी में आई सूजन
  • पोलिसिस्टिक किडनी रोग (polycystic kidney disease)
  • किडनी की धमनी स्टेनोसिस (renal artery stenosis)
  • नेफ्रोटिक सिंड्रोम (nephrotic syndrome)
  • अंतिम चरण किडनी रोग (end-stage kidney disease)
  • अल्पकालीन किडनी की विफलता (Acute renal failure)
  • उच्च रक्त-चाप   (high blood pressure)
  • एक किडनी वाले लोगों का इलाज
  • इलेक्ट्रोलाइट, द्रव और एसिड-बेस पदार्थों में असंतुलन या गड़बड़ी — उदहारण के लिए hyponatremia (हाइपोनैट्रीमिया)

नेफ्रोलॉजिस्ट द्वारा की जाने वाली प्रक्रियाएं

नेफ्रोलॉजिस्ट किडनी से संबंधित रोगों के इलाज के साथ-साथ कुछ किडनी स्वास्थ्य की प्रक्रियाएँ भी पूरी करता है। क्या हैं वे प्रक्रियाएँ जानिए-

  • दोनों प्रकार की डायलिसिस, हेमोडायलिसिस और पेरिटोनियल डायलिसिस  (hemodialysis and peritoneal dialysis) । कृतक प्रक्रिया द्वारा रक्त से बेकार पदार्थों को हटाने को डायलिसिस कहते हैंको डायलिसिस कहते हैं
  • दोनों तरह की डायलिसिस प्रक्रियाओं को करने के लिए कैथेटर (कृत्रिम नलिका) लगाना।
  • किडनी बायोप्सी (जाँच के लिए किडनी के ऊतकों का एक टुकड़ा निकालना)।
  • किडनी प्रत्यारोपण (किडनी विफल हो जाने के बाद दूसरी स्वस्थ किडनी शरीर में लगाना)।

नेफ्रोलॉजिस्ट और मूत्ररोग विशेषज्ञ (urologist) में अंतर

किडनी की स्थितियों के विशेषज्ञ को नेफ्रोलॉजिस्ट कहा जाता है, और मूत्र-विशेषज्ञ (यूरोलॉजिस्ट, urologist) महिलाओं और पुरुषों की मूत्र-प्रणाली (मूत्र-वाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग) का विशेषज्ञ होता है। नेफ्रोलॉजिस्ट एक मेडिकल विशेषज्ञ होता है, और यूरोलॉजिस्ट एक सर्जिकल विशेषज्ञ होता है। साथ ही यूरोलॉजिस्ट पुरुषों के प्रजनन अंगों से संबंधित स्थितियों का भी इलाज कर सकता है। क्या हैं वे स्थितियाँ जिनका इलाज करता है यूरोलॉजिस्ट-

  • किडनी की पथरी
  • मूत्राशय का संक्रमण
  • मूत्राशय नियंत्रण संबंधी समस्या
  • पुरुषों की नपुंसकता का इलाज
  • बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथी
  • किडनी का कैंसर
  • मूत्र-पथ का कैंसर
  • हाइड्रोसील (Hydrocele), वेरीकोसील (varicocele), पुरुष बांझपन 

इन इलाजों के साथ-साथ मूत्र-पथ का संबंध किडनी से होता है तो नेफ्रोलॉजिस्ट और यूरोलॉजिस्ट कई मामलों में एक-दूसरे की जरूरत महसूस कर सकते हैं। जैसे किडनी प्रत्यारोपण, किडनी में संक्रमण और होर्सशू किडनी(horseshoe kidney) जैसे मामलों में दोनों साथ मिलकर भी इलाज कर सकते हैं।

कब-कब पड़ती है नेफ्रोलॉजिस्ट को दिखाने की जरूरत

 आपके खराब स्वास्थ्य का कारण अगर आपका डॉक्टर किडनी से संबंधित बता रहा है तो जाहिर है कि आपको किडनी के विशेषज्ञ यानि नेफ्रोलॉजिस्ट के पस जाना होगा। क्या होती हैं वे स्थितियाँ जिनमें आपका डॉक्टर आपको नेफ्रोलॉजिस्ट के पास जाने की सलाह दे सकता है-

  • हाथ-पैर और टांगों पर सूजन आना
  • पेशाब में कमी आना
  • पेशाब में खून या पस आना
  • उच्च रक्त-चाप (high blood pressure)
  • परिवार में किडनी रोग का इतिहास
  • किडनी की विफलता
  • पेशाब में प्रोटीन आना
  • अगर डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण की सलाह दी गई है तो
  • सोडियम और पोटैशियम का उच्च या निम्न स्तर

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