आज-कल किडनी से संबंधित रोगों में बहुत इजाफा देखने को मिल रहा है। यह न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया के लिए बहुत ही आम बीमारी हो गई है, लेकिन किडनी की खराबी का इलाज अभी पक्के तौर पर सामने नहीं आया है।
भारत की अगर बात करें तो भारत में हर साल लगभग 3,00,000 लोगों को (Chronic kidney disease, CKD) की एंड-स्टेज किडनी फेल्योर (किडनी विफलता के अंतिम चरण) का पता चलता है। उनमें से लगभग 80% अगले एक साल में मर जाते हैं, केवल 10-15% को डायलिसिस का इलाज मिल पाता है।
इसके लिए लोग चाहते हैं कि उन्हें किडनी की खराबी के लक्षण, चरण और कारण क्या होते हैं, की जानकारी और उसको ठीक करने के उपाए पता चल जाएँ, तो एक बहुत जरूरी बात कि, किडनी की खराबी,(CKD) का कोई पक्का इलाज नहीं होता। चूंकि CKD बीमारी एक लंबी प्रक्रिया से होती है तो जाहिर है कि इसका इलाज भी लंबा ही होगा इससे परेशान होकर मरीज तमाम नीम-हकीमों और अयोग्य डॉक्टरों से मिलकर बीमारी को और ज्यादा गंभीर कर लेते हैं।
लेकिन इसके लक्षणों में राहत पाने के लिए और उन्हें और ज्यादा बिगड़ने से रोकने के लिए कुछ प्रयास जरूर किए जा सकते हैं।लेकिन इन प्रयासों के बावजूद भी अगर आपकी CKD अंतिम चरण पर पहुँच जाती है तो मरीज को डायालिसिस की प्रक्रिया या किडनी प्रत्यारोपण (Kidney Transplant) की शरण लेनी ही पड़ती है। इस इलाज के बाद भी अनेकों मरीज सुखी और स्वस्थ जीवन जीते हैं।
इन प्रयासों के बारे में जानने से पहले जरूरी है कि आपको किडनी की विफलता (CKD) के तमाम चरणों के बारे में जानकारी हो।
क्या हैं किडनी विफलता के वे पाँच चरण जानिए-
किडनी विफलता के चरणों को ग्लोमेरुलर निस्पंदन की क्रिया,eGFR (Estimated glomerular filtration rate) की क्रिया से मापा जाता है। यह आपकी आयु और आपके शरीर के आकार, लिंग के हिसाब से जाँचा जाता है। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं कि eGFR के घटने से आपको CKD ही हो, क्योंकि eGFR का घटना उम्र के हिसाब से भई सामान्य है जैसे स्वस्थ युवा लोगों में सामान्य eGFR 90-120 मिली / मिनट होता है। जबकि स्वथ्य वृद्धों में यह eGFR 90-120 मिली / मिनट सकता है।
CKD का पहला चरण
पहले चरण में किडनी की कार्यक्षमता 90 – 100 % होती है। इस चरण में eGFR 90 मि.ली. प्रति-मिनिट से ज्यादा रहता है। इस चरण में मरीज को लक्षण दिखने शुरू नहीं होते हैं।
CKD का दूसरा चरण–
इस चरण में eGFR 60 से 89 मि.ली. प्रति-मिनिट होता है। इस चरण के मरीजों में सामान्य तौर पर किसी भी प्रकार का कोई लक्षण नहीं दिखता। हालांकि कुछ मरीजों में रात में बार-बार पेशाब जाने या उच्च रक्तचाप होने जैसे लक्षण दिखाई दे सकते
CKD का तीसरा चरण–
इस चरण में eGFR 30 से 59 मि.ली. प्रति-मिनिट होता है। इस चरण के लक्षण भी दूसरे चरण के ही समान होते हैं।
CKD का चौथा चरण–
क्रोनिक किडनी डिजीज के चौथे चरण में eGFR 15 से 29 मि.ली. प्रति-मिनिट तक की कमी आ जाती है। इस चरण में हल्के लक्षण सामने आने लगते हैं ये लक्षण बहुत तेज भी हो सकते हैं।
CKD का पाँचवां चरण–
CKD का पाँचवां चरण किडनी विफलता का अंतिम चरण (End Stage Kidney Disease) भी कहते हैं। इसमें eGFR 15 मि.ली. प्रति-मिनिट से कम हो जाता है। यह किडनी विफलता का वह चरण होता है जिसमें मरीज को डायालिसिस या किडनी प्रत्यारोपण (Kidney Transplant) की जरूरत पड़ती है। इस चरण तक आते-आते किडनी लगभग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकि होती हैं,क्योंकि यह बीमारी लंबे समय से हमारी किडनी में चली आ रही होती है और अंतिम पड़ाव पर आते-आते हमारा शरीर इसके लक्षणों को साथ समायोजन कर लेता है।
चरणों को जानने के बाद सवाल उठता है कि ऐसी क्या वजह हैं जिनके चलते किडनी खराब हो जाती हैं। किडनी खराब होते-होते कुछ खास लक्षण नहीं दिखाते इसलिए कभी-कभी हमें किडनी की विफलता को जोनने में बहुत समय लग जाता है। अगर पहले से ही किडनी खराब होने के कारणों को हम जान लेतें हैं तो हम कुछ हद तक अपनी किडनियों को बचा सकते हैं।
क्या हैं किडनी खराब होने के कारण जानिए-
- मधुमेह (diabetes)
- उच्च रक्तचाप (High blood-pressure)
- कई तरह की दर्द निवारक (pain killer) दवाओं का अत्याधिक सेवन करना
- दिल का दौरा पड़ना, दिल की बीमारी, जिगर की विफलता (Heart fail) के कारण किडनी में खून पहुँचना अचानक बंद हो जाना
- पानी की कमी, सेप्सिस जैसा कोई गंभीर संक्रमण
- मूत्र संबंधी समस्याओं का बढना, शरीर में विषाक्त पदार्थों का बढ़ जाना
- ल्यूपस जैसी ऑटोइम्यून बीमारी से ग्रसित हो जाना जो शरीर के कई अंगों जैसे- हृदय, फेफड़े, किडनी और मस्तिष्क को भी प्रभावित करती है।
- कीमोथेरेपी जैसी इलाज प्रणालियाँ (कैंसर और कुछ ऑटोइम्यून बीमारियों का इलाज करती हैं) अपनाना
जो मरीज किडनी की विफलता CKD से जूझ रहें हो,उनके लिए कुछ निवारणों को अपनाना बेहद जरूरी होता है जैसे अपने खान-पान में विशेषज्ञ के कहे अनुसार बदलाव करना, किडनी के मरीजों के लिए निर्धारित डाइट चार्ट का पालन करना। किडनी की विफलता CKD से हम पूरी तरह से निजात तो नहीं पा सकते लेकिन उसके लक्षणों में आराम पा सकते हैं।
- उसके लिए हमें अपने लक्षणों के आधार पर जाँच कराने की जरूरत होगी। ये जाँचे पता लगाएँगी कि आपकी किडनी सामान्य रूप से काम कर रही है या नहीं, किडनी में किसी प्रकार की कोई क्षति (injury) तो नहीं हुई है या उसके कार्यों में कोई बदलाव तो नहीं आया है। इसके अलावा CKD के वे मरीज जो इससे गंभीर रूप से प्रभावित हैं उनके लिए ये जाँचे साल में कम से कम एक बार तो जरूर करानी चाहिए।CKD के रोगियों की गंभीरता के लक्षण हैं- मधुमेह (diabetes), उच्च रक्तचाप (High blood-pressure), दिल की बीमारी (Heart disease), धुम्रपान, मोटापा, वंशानुगत किडनी की बीमारी और किडनी की बीमारी का पुराना इतिहास।
कौन-कौन सी होती हैं वे जाँचें जानिए-
- eGFR(Estimated glomerular filtration rate)की जाँच अपने डॉक्टर के परार्शानुसार नियमित रूप से कराएँ। अगर eGFR में पहले की अपेक्षा कोई बदलाव आया है तो अपने इलाज के अनुरूप उसे स्थिर रखने की कोशिश करें।
- मूत्र एल्बुमिन (एल्बुमिन हमारे रक्त का मुख्य प्रोटीन होता है, जिसे लीवर बनाता है, जब किडनी में कोई परेशानी हो जाती है तो यह प्रोटीन मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकलने लगता है) की डॉक्टर के परामर्शानुसार जाँच कराएँ। अगर मूत्र में एल्बुमिन आ रहा है तो उसे इलाज के अनुरूप समान या कम करने की कोशिश करें।
क्या हैं CKD के शुरआती चरणों में बरती जाने वाली सावधानियाँ जानिए-
इसके अलावा किडनी की विफलता,CKD के शुरुआती चरणों में इलाज के रूप में अलग-अलग सावधानियाँ और लक्षणों की रोकथाम बताई गई है।
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करना
किडनी की विफलता,CKD के इलाज के तौर पर अपनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कदम अपने उच्च रक्तचाप (High Blood-pressure) को नियंत्रित करना है। CKD के मरीज होने के नाते आपका रक्तचाप लक्ष्य 140/90 मिमी एचजी से कम होना चाहिए। मरीज को रक्तचाप के साथ-साथ अपने खान-पान और जीनवशैली पर भी ध्यान देना चाहिए।
मरीज को अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए सोडियम रहित भोजन लेना चाहिए, धूम्रपान नहीं करना चाहिए और पर्याप्त नींद के साथ-साथ निर्धारित दवाएँ भी लेनी चाहिए।
मधुमेह (diabetes) को नियंत्रित रखना
किडनी की विफलता,CKD के मरीज को मधुमेह को नियंत्रित रखना चाहिए। उसके लिए डॉक्टर के परामर्शानुसार नियमित रूप से अपने रक्त शर्करा (blood glucose level) के स्तर की जाँच करेंया कराएँ। जाँच के नतीजों के हिसाब से खान-पान, दवाओं और जीवनशैली में बदलाव करें।
खान-पान का ध्यान रखना
खान-पान में आप फल और सब्जियां, बीन्स, साबुत अनाज, चिकन, मछली, लीन मीट, कम वसा वाले दूध और पनीर, मीठे पेय पदार्थों की जगह पानी, और साथ में वह भोजन चुनें जो कैलोरी, संतृप्त वसा, ट्रांस वसा, जिनमें शक्कर और नमक में कम हों।
एनिमिया का इलाज
किडनी की विफलता,CKD के मरीज को मध्यम चरणों तक आते-आते विभिन्न परेशानियों और इसके लक्षणों से जूझना पड़ सकता है। इस चरण के मुख्य लक्षणों में से एक है एनिमिया (खून की कमी) जिसमें मुख्य तौर पर किडनी की कार्यक्षमता कम होने के कारण लाल रक्त कणिकाओं का बनना बंद हो जाता है।
CKD के रोगी जिन्हें एनीमिया हो, उनके शरीर में आइरन की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए इसके लिए रोगी का आइरन की गोलियों, आइरन के इंजेक्शन और एरिथ्रोपोइटिन इंजेक्शन (Erythropoietin injections) से इलाज किया जाता है।
CKD के मरीज को मध्यम चरणों में खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए जैसे-
- अगर रोगी के फेफड़ों में सूजन है और पानी भर गया है तो उसे खाने में तरलपदार्थ नहीं लेने चाहिए।
- CKD में च्च रक्तचाप जैसी समस्या होती है इसके लिए जरूरी है कि रोगी नमक न ले ज्यादा से ज्यादा प्रति दिन आधा चम्मच।
- पोटेशियम युक्त भोजन जैसे- फलों, सूखे फल, रागी, सब्जियों जो जमीन के नीचे उगते हैं, नहीं लेने चाहिए।
- भोजन में फास्फोरस की मात्रा बेहद कम होनी चाहिए। फास्फोरसस युक्त भोजन जैसे- मीट, समुद्री भोजन, डेयरी उत्पाद, फास्ट फूड, बेकरी आइटम, कोला लेनें से बचें।
- भोजन में प्रोटीन की मात्रा मध्यम होनी चाहिए इसके लिए भारतीय रोगियों को भोजन में अधिक मांस लेने से परहेज करना चाहिए।
- CKD के रोगियों के लिए प्रोटीन लेना भी जरूरी होता है इसलिए भोजन में दोल लेना बेहतर होता है।
इसके अलावा CKD के रगियों को विशेषज्ञ के परामर्शानुसार विटमिन-डी के सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए क्योंकि इससे मरीज की हड्डियाँ मजबूत होती हैं। इलाज के लिए कुछ जरूरी टीके (Vaccinations) जैस-हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B), न्यूमोनिया (Pneumonia), इन्फ्लुएंजा (Influenza), और चेचक (Chicken pox) लगवाने का भी प्रावधान है। विशेषज्ञ के अनुसार किडनी ट्रांसप्लांट और डायलीसिस के दौरान या उससे पहले टीके लगाए जा सकते हैं।
किडनी की विफलता,CKD का इलाज उस समय करना मुश्किल हो जाता है जब वह अपने अंतिम यानि पाँचवें चरण पर हो। इसमें eGFR 15 मि.ली. प्रति-मिनिट से कम हो जाता है। यह किडनी विफलता का वह चरण होता है जिसमें मरीज को डायालिसिस या किडनी प्रत्यारोपण (Kidney Transplant) की जरूरत पड़ती है।
ऐसे में मरीज को चाहिए कि वह अपनी बीमारी के इस चरण पर आने के बाद डायालिसिस या किडनी प्रत्यारोपण (Kidney Transplant) के लिए तैयार रहे। लेकिन डायालिसिस या किडनी प्रत्यारोपण के पहले भी एक प्रक्रिया अपनाई जाती है जिसे धमनीशिरा-नालव्रण (arteriovenous fistula, AV fistula) कहा जाता है। इसके अलावा पेरिटोनियल डायलिसिस में कैथेटर लगाया जाता है।
क्या होता है एवी फिस्टुला
एवी फिस्टुला वह प्रक्रिया है जिसे सर्जन आमतौर पर आपके हाथ में सुइयों के द्वारा नसों को जोड़ता है ताकि वे व्यापक और मजबूत बनजाएँ। डायलिसिस की प्रक्रिया में यह बहुत अहम होता है। क्योंकि इसी एवी फिस्टुला से रक्त को मशीन से बाहर जाने और नसों में वापस लौटने में मदद मिलती है।लेकिन हमेशा ध्यान रखें कि किडनी से संबंधित कोई भी इलाज आपके नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी का डॉक्टर)सालाहकार की सलाह से ही करें। बिना विशेषज्ञ के परामर्श के कुछ भी करना असुरक्षित उपचार की श्रेणी में आता है, जिससे रोगियों को नुकसान पहुंचा सकता है साथ ही जान का खतरा भी हो सकता है।
Ager kisi ko kidni failure hai ager yeh fifth Charan me hai to koi elaj hai dilises ke Bina.
ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
Arzent treatment chalu karo
किडनी स्पेशलिस्ट को दिखाइए। इलाज हो सकता है।
Sir .kidni .kharab h . blood bhi.less h
Sir.8.point creation h.
Salt kon sa use karna choye
Normal salt use kar sakte hain lekin kum maatra mein.
Sir paidal chalna chahiye ya nhi?
चल सकते हैं।
Sir agr patient 1-2-3 stage pr hai or treatment shuru hai to ye bimari khtm ho skti hai ya nhi ?
Control में ज़रूर हो सकती है।
Sir dusre Charan me hai 5 din ke dawa band ho gayi thi to .2 aur bad Gaya tha ye control ho sakta hai kya sir
कुछ हद तक हो सकता है। Reports के साथ साथ सेहत पे भी ध्यान देना होता है। किडनी डॉक्टर को दिखाइये ।
Sir agar patient certain 7 8point hona se..bemar ko thike kar sakte ha kiya
Patient ko dekhe bina bataana mushkil hai. Kuch mein dawayi se ilaaj ho sakta hai, kuch ko dialysis zaroorat padta hai.
Dr. Sir
Mere bachche ko kidney me infection hua hai doctor bata rahe hai ki kidney ki chhalni kharab ho gayi hai. Bachcha pura suj gaya hai or use high blood pressure bhi hai. Eska koi elaj hai kya .
Agar elaj hai to kaha Kara sakte hai.
Ladka 11th me padhta hai.
Mere father ki creatininie-6.7 hai inka treatment ho sakta hai age-70 hai