होर्सशू किडनी रोग मुख्य रूप से बच्चों में होने वाला रोग है, जो शिशु के जन्म से पहले, जब वह गर्भ में होता है तभी पनपने लगता है। हॉर्सशू किडनी क्या है, दरअसल इसे दो किडनियों का विलय (renal fusion) भी कहा जाता है। इस रोग में दोनों किडनी घोड़े के पैर की नाल के आकार में आपस में जुड़ जाती हैं।
होर्सशू किडनी रोग क्या होता है
होर्सशू किडनी रोग वह रोग होता है जिससे शिशु जन्म से पहले गर्भ में ही ग्रसित हो जाता है। जब भ्रूण की किडनी पेट के निचले हिस्से की ओर से बढ़ती हैं, तो नीचे की ओर से जुड़ कर घोड़े के पैर की नाल का आकार ले लेती हैं। यह रोग 500 में से एक 1 शिशु में पाया जाता है। इसके अलावा यह बीमारी लड़कियों (शिशु) की तुलना में लड़कों (शिशु) में ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसा जरूरी नहीं कि यह बीमारी शिशुकाल में ही पहचानी जाए, इसे किसी उम्र में परीक्षण के माध्यम से पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा यदि हम किडनी से असंबंधित कोई अन्य बीमारी के लिए अल्ट्रासाउंड परीक्षण करवाते हैं तब भी होर्सशू किडनी रोग का पता लग है।
होर्सशू किडनी रोग के कारण
शिशुओं में होने वाले होर्सशू किडनी रोग के सटीक कारणों को जाना नहीं जा सका है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह रोग गर्भ में जीवोत्पत्ति (organogenesis) के दौरान होता है, इसके कारण अज्ञात हैं। साथ ही कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि होर्सशू किडनी रोग, बच्चे के जीन (genes) की असामान्यताओं की वजह से हो सकता है। यह बीमारी तब हो सकती है जब किसी बच्चे में कुछ आनुवंशिक (genetic) दोष होते हैं, इन दोषों में शामिल हैं-
टर्नर सिंड्रोम (Turner syndrome)-
यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें लड़कियों की लंबाई सामान्य से कम हो जाती है और अंडाशय (ovary) संबंधी समस्याएँ आती हैं।
एडवर्ड्स सिंड्रोम (Edwards syndrome)-
यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसके कारण गर्भ में धीमी गति से विकास, जन्म के समय वजन कम होना और कई गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं। इसे ट्राईसोमी 18 भी कहा जाता है।
होर्सशू किडनी रोग के लक्षण
विशेषज्ञों का मानना है कि होर्सशू किडनी रोग के लक्षण लगभग एक-तिहाई लेगें में ही देखने को मिलते हैं। होर्सशू किडनी रोग में किडनी की पथरी और संक्रमण होना आम बात है। इन्ही के चलते इस रोग में सामने आने वाले लक्षण होर्सशू किडनी रोग की बजाय किडनी की पथरी और संक्रमण के हो सकते हैं। इनके अलावा बाकी लोगों में कोई भी लक्षण नहीं हो सकता। इन लक्षणों में शामिल हैं-
- पेट में दर्द होना
- मितली और उल्टी आना
- कुछ मामलों में किडनी में पथरी हो सकती है, जिसके कारण मूत्रपथ में रुकावट आ सकती है
- तेज दर्द या यूरिन में खून आने जैसी स्थिति भी हो सकती है।
इनके अलावा मूत्रपथ संक्रमण हो सकता है जिसके कारण ऐसे लक्षण आते हैं-
- बुखार होना
- पेशाब में तेज गंध आना
- पेशाब जाने की तीव्र इच्छा होना
- यूरिन पास करने में जलन और दर्द होना
होर्सशू किडनी रोग के साथ जोखिम
हॉर्सशू किडनी रोग से ग्रसित शिशुओं में कुछ अन्य जोखिम भी देखने को मिलते हैं। इस रोग वाले 3 में से लगभग 1 बच्चे को हृदय और रक्त वाहिकाओं, तंत्रिका तंत्र या जननांग प्रणाली में समस्या होने की आशंका रहती है। हाइड्रोनफ्रोसिस के अलावा अन्य परेशानी या स्थिति कम होती हैं। इन समस्याओं में शामिल हो सकते हैं-
हाइड्रोनफ्रोसिस (Hydronephrosis)-
हाइड्रोनफ्रोसिस की बीमारी ऐसा रोग होता है जो मूत्र पथ में रुकावट आ जाने के कारण होता है। इसमें पेशाब में आसामान्यताएँ आ जाती हा जिससे अतिरिक्त पानी किडनी में जमा हो जाने का कारण किडनी में सूजन आ जाती है।
किडनी कैंसर-
किडनी कैंसर किडनी में स्थित कोशिकाओं के गाँठ बन जाने का कारण होता है। ये कोशिकाओं की गाँठें अनियंत्रित रूप से विकसित होती चली जाती हैं।
पॉलीसिस्टिक किडनी रोग (Polycystic kidney disease)-
पॉलीसिस्टिक किडनी रोग वंशानुगत रोगों की श्रेणी में आता है। इसमें किडनी के अंदर पानी या किसी तरल से भरे सिस्ट (बुलबुले) बन जाते हैं।
हाइड्रोस्फेली (Hydrocephaly)-
जब किडनी की कार्यक्षमता कम या खत्म हो जाती है तो शरीर में अतिरिक्त पानी या तरल की मात्रा बढ़ जाती है। इस रोग में यह पानीमस्तिष्क तक पहुँच जाता है।
स्पाइना बिफिडा (Spina bifida)-
यह एक प्रकार का न्यूरल ट्यूब रोग है, जिसमें रीढ़ की हड्डी का हिस्सा असामान्य रूप ले लेता है।
होर्सशू किडनी रोग का इलाज
विशेषज्ञों का मानना है कि हॉर्सशू किडनी रोग का इलाज कोई सटीक इलाज मौजूद नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों से होने वाली समस्याओं की रोकथाम जरूर की जा सकती है। इसके अलावा आपके हॉर्सशू किडनी रोग ने अभी तक कोई लक्षण नहीं दिखाए हैं तो इलाज की जरूरत नहीं होगी।
इलाज बच्चे में रोग के लक्षणों, उम्र, स्वास्थ्य स्थिति और रोग की गंभीरता पर निर्भर करता है। रोग के लक्षणों का इलाज केवल किडनी के जानकार विशेषज्ञ (Nephrologist) से ही करवाया जाना चाहिए। रोग का कोई सटीक इलाज न होने के कारण इससे पैदा होने वाले अन्य रोगों का इलाज किया जाता है। जैसे किसी संक्रमण से बचने के लिए एंटिबॉयोटिक्स लेना और किडनी की पथरी की सर्जरी करवाना। इसके अलावा आपके बच्चे का विशेषज्ञ उसे किसी खेल-कूद में भाग लेने के लिए मनाही की सलाह दे सकता है।
CT स्कैन का चित्र यहाँ से : https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Hufeisenniere_CT_axial.jpg
Hellerhoff / CC BY-SA (https://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0)
Mai 9 month pregnant hu aur mere garbh ke becche ki kidney horseshoe kidney h to kya krun,iska kya ilaj h,mujhe advice chahiye
Abhi kuch nahin karne ki zaroorat hai. Delivery ke baad jaanch karna chaahiye.
Me horseshoe kidney se grsit hu meri age 27 h ab muje kya kerwa chahiye
Regular check-up karke kidney doctor ko dikhana chaahiye.
Meri beti ko horseshoe kidney hai
Wah 8 saal ki hai, usko mitali aur ulti ho Rahi hai dard bhi bahut jyada hoti hai, Mai kise dikhaun