बीपी कम करने के उपाय

आज के समय में देखा जाए तो हर पाँचवें इंसान को हाई बीपी की समस्या है। प्रेगनेंसी में हाई बीपी भी एक बहुत बड़ी समस्या है। इस समस्या से निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय खोजने में लगे रहते हैं। कुछ घरेलू नुस्खों की मदद लेते हैं तो कुछ विशेषज्ञों के अनुसार दवाइयों के सहारे अपने हाई बीपी को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं। अगर आप भी हाई बीपी (High BP) के लक्षण को कम करने के कम करने के उपाय के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पढ़ें।

हाई बीपी की दवाइयां

हाई बीपी के स्तर को कम करने के लिए बाजार में तमाम दवाएं मौजूद हैं, लेकिन मैं आपको सलाह देता हूं कि बिना अपने डॉक्टर के बताए किसी दवा का सेवन न करें। ऐसा इसलिए कि सभी मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति और शरीरों में कई तरह के अंतर होते हैं, उन्ही अंतरों को ध्यान में रखकर आपका डॉक्टर आपके लिए उपयुक्त दवा निर्धारित करेगा। प्रेगनेंसी ( गर्भवास्था) में हाई बीपी के लिए नीचे बताई हुई कोई भी दवा खुद से न लें क्युकी कुछ दवाएं प्रेगनन्सी में नहीं दी जा सकती हैं।

हाई बीपी में कई तरह की दवाओं का उपयोग किया जाता है।

कुछ बीपी की दवाओं के नाम जो सामान्य रूप से उपयोग किये जाता हैं :

थियाजिड मूत्रवर्धक (Thiazide diuretics)

आम भाषा में इन्हें पानी की गोलियां भी कहा जाता है क्योंकि इनके सेवन से मूत्र उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है। ये दवाएं मरीज की किडनी पर काम करती हैं और इनसे शरीर में जमा पानी और सोडियम को पेशाब के माध्यम से बाहर कर दिया जाता हैं जिससे बीपी कम हो जाता है। 

एंजियोटेंसिन-कनवर्टिंग एंजाइम (ACE) इनहेबिटर (Angiotensin-converting enzyme (ACE) inhibitors)

लिसिनोपिल (lisinopril), बेनाज़िप्रिल (benazepril), और कैप्टोप्रिल (captopril) जैसी दवाएं रक्त वाहिकाओं को आराम पहुँचाती हैं। किडनी की विफलता से जूझ रहे लोगों के लिए ACE inhibitor फायदेमंद साबित हो सकती है।

कैल्शियम चैनल ब्लॉकर (Calcium channel blockers)

एम्लोडिपाइन (amlodipine) और डिल्टिजेम (diltiazem) जैसी दवाएं रक्त वाहिकाओं (blood vessels) की मासपेशियों को आराम पहुँचाती हैं और इन में से कुछ दवाएं आपकी हृदय गति को घीमा करने का भी काम करती हैं।  कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स उम्र-दराज लोगों के लिए ACE inhibitor की तुलना में बेहतर काम कर सकती हैं।

बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers)

बीटा ब्लॉकर्स बीपी ग्रसित मरीज के दिल पर से उसके काम (रक्त पम्प करना) का बोझ कम करती हैं और रक्त वाहिकाओं को खोलती हैं, जिससे दिल पहले की तुलना में कम बल के साथ धड़कता है। बीटा ब्लॉकर्स में मेटोप्रोलोल (metoprolol), कारवेदिलोल (carvedilol), ऐसब्यूटोलोल (acebutalol) , एटेनोलोल (atenolol) जैसी दवाएं शामिल हैं।

बीपी की दवा कब खांए ?

यूरोपियन हार्ट जर्नल के हालिया अध्ययन में बताया गया है कि आप अपने हाई बीपी को नियंत्रित करने के लिए जो दवाएं ले रहें हैं, उन्हें रात को सोते समय लें। ताकि रात को सोने के बाद आपके बीपी का स्तर कम हो जाए और सुबह आपके जागने पर भी कम ही रहे। 

आमतौर पर हाई बापा की समस्या के साथ जब आप बिना दवाइयों के रह रहें होते हैं तो सुबह जागने पर आपका बीपी का स्तर काफी बढ़ा हुआ रहता है। इसलिए मैं रात को सोते समय दवाएं लेने की सलाह देता हूँ। यदि आप बीपी के लिए एक से ज़्यादा दवा ले रहे हैं तो, उन्हें दिन में अलग अलग समय पर लें।

बीपी की दवाओं के साइड-इफेक्ट्स

किसी भी समस्या के इलाज के लिए ली जा रही दवाओं के कुछ न कुछ साइड-इफेक्ट्स जरूर होते हैं। बीपी की दवाओं के भी है, लेकिन साइड-इफेक्ट्स दवाओं के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ हल्के होते हैं तो कुछ खतरनाक भी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह लेने की जरूरत होती है।

बीपी की दवाइयों से होने वाले साधारण साइड-इफेक्ट्स जाने। 

  • खांसी
  • दस्त या कब्ज
  • चक्कर आना या घबराहट होना
  • थकावट, कमजोरी, और ऊर्जा में कमी महसूस करना
  • सिरदर्द
  • जी मिचलाना या उल्टी आना
  • त्वचा पर लाल चक्ते आ जाना
  • वजन घटना या बढ़ना

इन लक्षणों में से कोई भी महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह लें।

मैं अब हाई बीपी से सम्बंधित कुछ सामान्य सवालों के जवाब दूंगा

सवाल- डॉक्टर, मैं अपना हाई बीपी तुरंत कैसे कम करूं?

जवाब- कई परिस्थितियों में बीपी का स्तर अचानक कम करना सही नहीं होता, यह केवल डॉक्टर को तय करना चाहिए कि बीपी के स्तर को कितनी देरी या जल्दी से नीचे लेकर आना है।

सवाल- डॉक्टर, क्या बीपी को जड़ से खत्म करने के कोई उपाय हैं?

जवाब- बीपी एक लंबी बीमारी है। इसमें ज्यादातर मरीजों को लंबे समय तक इलाज की जरूरत पड़ती है। हाई बीपी से छुटकारा पाने की ललक में गलत तरह से अपनाए गए तरीके आपकी सेहत पर भारी पड़ सकते हैं। इसमें ऐसा बहुत कम होता है कि इलाज को कम किया जाए। यह भी पूरी तरह से आपके डॉक्टर पर निर्भर करता है कि वह कितना इलाज बंद करे। इसके लिए डॉक्टर की ही सलाह लें। 

सबसे बेहतर ताहि है कि आप जानिए की बीपी ठीक से कैसे चेक करते हैं और अपने बीपी के स्तर का एक रिकॉर्ड रखें।

सवाल- क्या योगासन हाई बीपी को कम करने में मदद कर सकता है?

जवाब- मैं योगासन का विशेषज्ञ तो नहीं हूँ, लेकिन थोड़ा प्राणायाम मैं भी करता हूं। मैं हाई बीपी में कुछ हद तक फायदा पाने के लिए “अनुलोम-विलोम” प्राणायाम का सुझाव दे सकता हूं।

बीपी कम करने के घरेलू उपाय

बीपी होने का एक मुख्य कारण ख़राब जीवन शैली है। ज़्यादा नमक और तेल खाना, नियमित तौर पर व्यायाम ना करना, अपने वज़न को बढ़ने देना आदि बीपी बढ़ने के कुछ सामन्य कारण हैं। हल्के हाई बीपी वाले लोगों के इलाज के दौरान कुछ घरेलू उपाय अपनाने की सलाह दी जाती है जैसे-

  • नमक का सेवन कम करें (रोजाना केवल एक चम्मच, अगर संभव हो तो सिर्फ आधा चम्मच)।
  • हाई ब्लड प्रेशर (हाई बीपी) के लिए डाइट ठीक रखना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है
  • खाने में नमक ऊपर से कभी ना डालें।
  • अपना खाना कम से कम तेल में बनायें।  
  • रोजाना लगभग 30 मिनट पैदल चलें (walking)।
  • धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन बंद कर दें।
  • रोजाना “अनुलोम-विलोम” प्राणायाम करें।
  • अपना वजन घटाएं।
  • ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें।

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