किसी बीमारी के इलाज में चल रही दवाओं से फायदा होता है, और उन दवाओं से भी ज्यादा फायदा होता है अपनी जीवनशैली और खान-पान यानि डाइट में जरूरी बदलाव करने से। किसी भी बीमारी का इलाज करने के लिए खान-पान में इलाज और आहार विशेषज्ञ (dietitian) के अनुसार ही बदलाव करें।
यदि आप भी हाई बीपी के लक्षण से जूझ रहें हैं तो आपके लिए भी बेहद जरूरी है कि आप आहार विशेषज्ञ (dietitian) या डॉक्टर से अपने इलाज के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर के लिए डाइट सुनिश्चित करा लें। हाई ब्लड प्रेशर डाइट से जुड़ी सभी जरूरी बातें जानिए इस लेख के माध्यम से-
हाई बीपी में आहार का महत्त्व
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या वाले लोगों में आहार का उतना ही महत्व होता है जितना कि बीपी कम करने के उपाय जैसे कि दवाओं का होता है। इसके बाद आते हैं वो पदार्थ जो मेरे अनुसार हाई बीपी में खाने चाहिए और नहीं खाने चाहिए। जैसे कि शोधों में पता चला है कि पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों को अपने आहार में शामिल करने से बीपी के स्तर को कम कर सकते है।
इसके उलट सोडियम युक्त नमक को अपने आहार में डॉक्टर के निर्देशानुसार ही शामिल करें। हाई बीपी में भी अप्रत्यक्ष रूप से कैलोरी का सेवन महत्वपूर्ण होता है। ज्यादा कैलोरी वजन और मोटापा बढ़ा सकती हैं, जो हाई बीपी का कारण होता है, साथ ही इसके स्तर को खतरे तक बढ़ा सकता है।
हाई बीपी में नमक के कम सेवन का महत्व
हाई बीपी को लेकर सबसे पुराने चलन के रूप में सुनते आएं हैं कि हाई बीपी के मरीज को नमक का सेवन कम करना चाहिए। लेकिन इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण बहुत ही कम लोग जानते हैं, वह कारण है कि एक दिन में 3 ग्राम तक नमक सेवन आपके सिस्टोलिक दबाव को 5.6 mmHg तक कम कर देता है।
साथ ही शोधों में पता चला है कि बीपी के मरीज यदि ज्यादा नमक (सोडियम) का सेवन कर ले तो उसे दिल संबंधी बीमारी या स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है। हाई बीपी और नमक (सोडियम) का क्या है संबंध जानें-
सोडियम और नमक में क्या अंतर है?
सोडियम एक प्रकार का प्राकृतिक खनिज है जो नमक में पाया जाता है, यही वह खनिज है जो बीपी के स्तर को बढ़ाने में जिम्मेदार होता है। नमक का रासायनिक नाम सोडियम क्लोराइड (NaCl) होता है। नमक के प्रत्येक कण में सोडियम और क्लोराइल का एक-एक आणु मौजूद होता है। नमक में मौजूद सोडियम ही हाई बीपी का कारण होता है, जो भोजन हम खाते हैं उसमें सोडियम का एकमात्र स्रोत नमक ही होता है।
भोजन में सोडियम अन्य प्रकार में पाया जाता है जैसे- MSG (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) इस प्रकार का सोडियम चीनी (Chinese) खाद्य पदार्थों में पाया जाता है।
नमक कैसे बीपी बढ़ाता है?
जब आप सोडियम युक्त नमक अधिक खाते हैं तो आपका शरीर उस नमक को धोने के लिए अधिक पानी को जमा रखता है जिससे आपके बीपी का स्तर बढ़ सकता है। शरीर में जमा हुआ वह पानी आपके दिल और रक्तशिराओं पर दबाव डाल सकता है।
आप यह बात खुद घर पर बीपी चेक करके भी जान सकते हैं। आप जब अपने आहार में नमक की मात्रा कम करेंगे, आप खुद देखेंगे कि आपके बीपी का स्तर कम हो गया है।
बीपी के मरीज के लिए कितना नमक (सोडियम) बहुत अधिक होता है?
कुछ जरूरी शोध और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन एक दिन में 1500 मिलिग्राम से ज्यादा सोडियम न खाने की सिफारिश करता है। हाई बीपी वाले लोगों को लगभग 2/3 चम्मच नमक का सेवन करना चाहिए। नमक के एक चम्मच (teaspoon) में 2,400 मिलीग्राम सोडियम होता है, बहुत से लोग सोडियम के सेवन को लेकर इन दिशानिर्देशों को नजरअंदाज कर इससे कई ज्यादा सेवन कर लेतें हैं जो उनके बीपी के स्तर को बढ़ा देता है।
सोडियम सेवन को कैसे कम किया सकता है?
- टेबल पर रखी नमक दानी (table salt) का प्रयोग न करें।
- किसी भी पैकेट बंद खाद्य पदार्थ को खाने से पहले उसके लेबल को ध्यान से पढ़ें और निम्न सोडियम स्तर वाले पदार्थ चुनें।
- सोडियम-मुक्त, कम सोडियम, और बिना सोडियम (unsalted) चिह्नित खाद्य पदार्थ चुनें।
- सोडियम-फ्री हर्ब्स और बूटियों का इस्तेमाल करें जैसे-तुलसी, तेज-पत्ता, अजवाइन, रोजमैरी, धनिया और दालचीनी।
किन खाद्य पदार्थों में सोडियम अधिक मात्रा में होता है?
- डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, बेकन(bacon), हैम (ham), और सोसेज (sausage) जैसे भोजन।
- डिब्बा बंद सूप, शोरबा और सूखे सूप फोर्मुला।
- मसाले (कैट्सअप, सोया सॉस, सलाद ड्रेसिंग)।
- आलू, चावल और पास्ता के फ्रोजन मिक्स।
- पॉपकार्न, मूंगफली और चिप्स जैसे स्नैक्स।
- नमकीन और मसालेदार खाद्य पदार्थ जैसे सिरका और नींबू के रस युक्त पदार्थ।
- बेकरी आइटम जैसे- पफ, केक और ब्रेड।
- पिज्जा और बर्गर जैसे फास्ट फूड्स।
- भेल-पूरी, पानी-पूरी आदि जैसे चाट आइटम।
हाई बीपी में क्या खाना चाहिए-
हमारे दैनिक जीवन में ऐसे खाद्य पदार्थ है जिनके सेवन से हम हाई बीपी के स्तर को निम्न कर सकते हैं। तो कुल मिलाकर हाई बीपी वाले लोगों के लिए फल और सब्जियाँ फायदेमंद हैं। मेरे कई मरीज़ मुझसे अकसर कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थों के बारे में पूछते हैं जैसे हाई ब्लड प्रेशर में ग्रीन-टी, कॉफ़ी, लहसुन, आमला, अंडा और दूध इत्यादि। इस उपलेख में मैं आपको बताऊंगा कि हाई बीपी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
- बैरी (जामुन)- शोधों में पाया गया है कि जामुन और स्ट्रॉबैरी में एंथोस्यानिन्स (anthocyanins) नामक एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो हाई बीपी के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
- केला (Banana)- केले में उच्च मात्रा में पोटैशियम होता है, और पोटैशियम हाई बीपी के इलाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बीपी के मरीजों को वयस्कों को रोजाना 4,700 मिलीग्राम पोटेशियम का सेवन करना चाहिए ,पोटेशियम युक्त अन्य खाद्य पदार्थों जैसे- एवोकाडो, हनीड्यू तरबूज, हैलबट मछली, शकरकंद, मशरूम, टमाटर, टूना मछली और बीन्स। हाई बीपी के वे मरीज जिन्हें किडनी की परेशानी वे पोटैशियम के सेवन के विषय में अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। जब हाई बीपी वाले लोग कुछ निश्चित दवाएं ले रहे होते हैं, उनके पोटैशियम सेवन पर रोक लगाई जा सकती है। इस विषय में अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- चुकुंदर (Beets)- हाई बीपी में चुकुंदर फायदेमंद होता है।
- डार्क चॉकलेट (Dark chocolate)- हाई बीपी के खतरे को कम करने के लिए डार्क चॉकलेट एक मीठी दवाई कही जा सकती है।
- कीवी (Kiwis)- कीवी को रोजाना अपने आहार में शामिल करने से आप अपने बीपी को कुछ हद तक नियंत्रित कर सकते हैं। साथ ही कीवी विटामिन सी का स्रोत है।
- तरबूज (Watermelon)- तरबूज में सिट्रुलिन नामक एक एमिनो एसिड होता है, जो हाई बीपी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
- ओट्स (Oats)- ओट्स में बीटा-ग्लूकेन नामक एक प्रकार का फाइबर होता है, जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल और बीपी के स्तर को कम कर सकता है।
- पत्तेदार हरी सब्जियाँ (Leafy green vegetables)- पत्ता गोभी, हरा कोलार्ड, हरी सौंफ, गोभी, सलाद पत्ते, सरसों का साग और पालक जैसी हरी सब्जियां जो पोषण देती हैं और बीपी को नियंत्रित करने में मदद करती है।
बीपी के मरीज को क्या नहीं खाना चाहिए-
जैसे कुछ खाद्य पदार्थ बीपी के स्तर को कम कर सकती हैं इसी तरीके से कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी हैं जो इसे खतरनाक स्तर तक बढा सकती हैं। लोग ऐसे खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल न करके बीपी के स्तर को बढ़ने से रोक सकते हैं। प्रेगनेंसी में हाई बीपी में अपने खान पान को लेके और भी सतर्क रहना चाहिए क्युकी इससे माँ और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है। कौन से है वे खाद्य पदार्थ जानें-
- नमक (Salt)- नमक में सोडियम नामक खनिज पाया जाता है जो आपके बीपी के स्तर को बढ़ा देता है साथ ही बीपी का मरीज अगर इसका निर्धारण से अधिक सेवन करे तो दिल की बीमारी या स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
- कैफीन (Caffeine)- कॉफी, चाय, कोला और एनर्जी पेय पदार्थों में कैफीन होचता है जो बीपी में कुछ समय के लिए असामान्यता का कारण बन सकता है।
नशीले पदार्थ (Alcohol)- रेड वाइन का एक सामान्य मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, लेकिन सामान्य से अधिक मात्रा में शराब का सेवन बीपी में उतेत्जक रूप से बढ़ोत्तरी कर सकता है। ज्यादा शराब के सेवन से दिल की विफलता, स्ट्रोक, कैंसर और मोटापे का खतरे भी बढ़ जाता है। मिठाई, बेकरी आइटम, कोला, पिज्जा, बर्गर जैसे कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थ भी हाई बीपी में अच्छे नहीं माने जाते हैं।