डायबिटीज में चक्कर आना – कारण और इलाज जानिये

आज के ज़माने में बहुत से लोग डायबिटीज या शुगर की बीमारी का शिकार हैं। मेरे कई मरीज़ मुझसे अकसर डायबिटीज में चक्कर आने के बारे में सवाल पूछते हैं। डायबिटीज में चक्कर आना आम तौर से मरीज़ों में देखा जाता है। 

इसके कई अलग कारण और उन कारणों के हिसाब से कई अलग लक्षण भी होते हैं। 

इस लेख के माध्यम से मैं आप लोगों को डायबिटीज में चक्कर आने के बारे में संक्षिप्त में बताना चाहता हूँ। 

डायबिटीज ऐसी बीमारी है जिसमे आपका ब्लड शुगर लेवल नार्मल से ज़्यादा रहता है। इस बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए कई तरह की दवाई-गोली और इन्सुलिन इंजेक्शंस का इस्तेमाल किया जाता है। 

बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल और नार्मल स्तर से कम ब्लड शुगर लेवल, दोनों से ही आपको चक्कर आ सकते हैं। इस विषय में, मैं नीचे विस्तार में चर्चा करूँगा।

अगर नार्मल स्तर से ख़राब  ब्लड शुगर लेवल से आप बेहोश हो जाते हैं, तो इसे डायबिटिक कोमा (diabetic coma) कहा जाता है। ये स्तिथि आप के लिए जान लेवा भी हो सकती है। इस लेख में आपको बताऊंगा की आप कैसे ऐसी स्तिथि से बच सकते हैं।  

डायबिटीज में चक्कर आने के कारण 

  1. ब्लड शुगर लेवल नार्मल से बहुत ज़्यादा हो जाना / हाइपरग्ल्य्समिया (Hyperglycemia)
  2. ब्लड शुगर लेवेल नार्मल से कम हो जाना / ह्य्पोग्ल्य्समिया (Hypoglycemia)
  3. दिमाग या दिल का दौरा पड़ना जिसे स्ट्रोक (Stroke) भी कहा जाता है
  4. डायबिटिक केटोएसिडोसिस (Diabetic Ketoacidosis)
  5. शराब का सेवन करना

डायबिटीज के मरीज़ों को चक्कर आने के और भी कारण हो सकते हैं, जिनका उनके शरीर के ब्लड शुगर लेवल से कोई सम्बन्ध न हो, जैसे की :

  1. एनीमिया (Anemia) या शरीर में खून की कमी होना
  2. कई कान की बीमारियाँ जैसे बीपीपीवी (BPPV), मेनियर्स डिजीज (Meniere’s disease)
  3. बीपी कम हो जाना (low BP)

ब्लड शुगर लेवल नार्मल से ज़्यादा हो जाना / हाइपरग्ल्य्समिया (Hyperglycemia)

अगर आपका शुगर लेवल नार्मल से बहुत ज़ादा बढ़ जाता है तो आप कुछ लक्षण महसूस करेंगे जैसे :

  • बहुत ज़्यादा प्यास लगना 
  • मुँह सूखना 
  • बार-बार पेशाब आना 
  • बहुत तेज़ दिल की धड़कन होना
  • जी मिचलाना और उल्टी आना

अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करते हैं तो आप तुरंत अपना ब्लड शुगर चेक करें। यदि वो बढ़ा हुआ आता है तो अपने डॉक्टर के बताये गए तरीके के अनुसार दवा लें। अगर दवा या इन्सुलिन लेने के कुछ समय बाद भी आपको आराम नहीं मिलता और चक्कर जैसा महसूस होता है तो तुरंत किसी अस्पताल में जाके दिखाएं। 

ऐसे चक्कर आना मरीज़ को डायबिटिक कोमा में भी पहुंचा सकते हैं। इसलिए बहुत आवश्यक है कि आप जल्द से जल्द कदम उठाएं। 

ब्लड शुगर लेवेल नार्मल से कम हो जाना / ह्य्पोग्ल्य्समिया (Hypoglycemia)

डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे :

  • नियमित रूप से भोजन न खाना
  • इन्सुलिन ठीक मात्रा में न लेना
  • बहुत ज़्यादा व्यायाम कर लेना

ब्लड शुगर लेवल कम होने पर भी आप कुछ लक्षण महसूस करेंगे जैसे कि :

  • चक्कर आना 
  • पसीना आना 
  • कमज़ोरी महसूस करना

ये सब लक्षण महसूस करने पर तुरंत अपना ब्लड शुगर चेक करें और अगर वो नार्मल से कम आता है तो कोई मीठी  चीज़ जैसे टॉफी, चॉकलेट या चीनी खा लें। अगर लक्षण ख़तम नहीं होते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं। 

दिमाग या दिल का दौरा पढ़ना जिसे स्ट्रोक (Stroke) भी कहा जाता है

डायबिटीज में बढ़ा हुआ शुगर धीरे धीरे हमारे शरीर के अंगों, जैसे, दिल, किडनी, दिमाग, आदि को नुकसान पहुंचा के उन्हें ख़राब कर देता है। इससे मरीज़ को दिल या दिमाग का दौरा भी पढ़ सकता है। ऐसे समय में मरीज़ को चक्कर आएंगे और वो बेहोश भी हो सकता है। 

अगर कोई भी मरीज़ बेहोश हो तो उसे तुरंत हॉस्पिटल लेके जाएं। ऐसा करने में देरी मरीज़ की जान को खतरे में दाल सकती है।  

 डायबिटिक केटोएसिडोसिस (Diabetic Ketoacidosis)

अगर आपके शरीर के सेल्स शुगर को इस्तेमाल न कर पाएं तो वो शरीर का वसा (fat) या प्रोटीन इस्तेमाल करने लगते हैं। ऐसा करने से ब्लड में कुछ विषैले पदार्थ, कीटोन (ketone) बनने लगते हैं। ये कीटोन पेशाब में भी निकलना शुरू हो जाते हैं। 

ऐसी स्तिथि, जब शरीर में ये कीटोन और शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, इसे डायबिटिक केटोएसिडोसिस (diabetic ketoacidosis) कहा जाता है। यह स्तिथि एक आपात चिकित्सा है और ऐसे में मरीज़ को तुरंत अस्पताल लेके जाना चाहिए। 

शराब का सेवन करना

शराब का सेवन करना आपके ब्लड शुगर लेवल को अनजान रूप में प्रभावित कर सकता है। इससे शुगर लेवल बढ़ भी सकता है और घट भी सकता है। इसलिए अगर आपको डायबिटीज है, तो शराब का सेवन सोच समझ के ही करें। और ऊपर बताये गए कोई भी लक्षण आने पर तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं। 

एनीमिया (Anemia) या शरीर में खून की कमी होना 

हमारे शरीर में खून ही सारे पोषक तत्व सभी अंगों तक पहुंचता है। अगर खून की कमी हो जाये तो ये सारे पोषक तत्व जैसे ऑक्सीजन (oxygen) आदि, हमारे अंगों तक नहीं पहुँच पाएंगे। ऐसे में इंसान को बहुत कमज़ोरी महसूस होगी। 

अगर ऑक्सीजन दिमाग तक न पहुंचे तो मरीज को चक्कर जैसा महसूस होगा और वो बेहोश भी हो सकता है। ऐसे में मरीज़ को अस्पताल लेके जाएं और वहां पर उनके खून की कई जांच की जाएंगी जिनसे पता चलेगा की क्या तकलीफ है।  

कई कान की बीमारियाँ जैसे बीपीपीवी (BPPV), मेनियर्स डिजीज (Meniere’s disease) आदि

हमारे कान हमे सुनने में तो मदद करते ही हैं परन्तु उनका काम सिर्फ वह नहीं है। हमारे कान हमारे शरीर का संतुलन बनाये रखने में भी इस्तेमाल होते हैं। इसलिए कई कान की बीमारियां जैसे बीपीपीवी (BPPV), मेनियर्स डिजीज (Meniere’s disease) आदि जिनसे कान को यह संतुलन बनाने में तकलीफ होती है, उनसे भी आपको चक्कर आ सकते हैं। 

इन बीमारियों में चक्कर आने के साथ कुछ और लक्षण भी होते हैं जैसे कान के अंदर लगातार कुछ आवाज़ सुनाई देते रहना (tinnitus), कान में दर्द होना इत्यादि। 

अगर आपको ऐसे लक्षण महसूस होते हो, तो किसी कान के डॉक्टर को दिखाएं। वही आपको आगे के इलाज के बारे में बताएंगे। 

बीपी कम हो जाना (low BP)

आपको चक्कर बीपी कम होने पर भी आ सकते हैं। लो बीपी चक्कर आने का एक बहुत ही आम कारण है। ऐसे में आप या तो खुद बीपी चेक कर लें और कम आने पे मरीज़ को पानी पिलाएं और लेटा दें या उसे अस्पताल ले जाएं। और उसके आगे का इलाज वही होने दें। 

सारांश

तो अब आप जानते हैं की चक्कर आने के क्या क्या कारण हो सकते हैं। अगर आपको डायबिटीज है तो आपको अपने ब्लड शुगर को नार्मल से कम या ज़्यादा न होने देने के लिए बहुत सावधान रहना चाहिए। 

अगर ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण आपको महसूस होते हैं तो उन्हें हलके में कभी न लें। ऐसा करना आपके लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं और उनके इलाज का पालन करें।

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