पेशाब में जलन: कारण, लक्षण, जांच, इलाज

पेशाब में जलन जिसे dysuria भी कहते हैं आज-कल के समय में आम सी बात है। पेशाब में जलन (डिस्यूरिया) होना लगभग सभी के लिए साधारण सी बात है, लेकिन यह सामान्य जब नहीं रहती तब मरीज के मन में इसे लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगते हैं। उन्हीं सवालों के जवाब आपको मिलेंगे इस लेख में-

क्या होती है पेशाब में जलन

पेशाब करते समय जलन और दर्द महसूस होना ही पेशाब में जलन कहलाता है। यह एक छोटी सी बात लग सकती है, लेकिन वास्तव में यह उससे कई ज्यादा व्यापक है। पेशाब में जलन का होना केवल पेशाब से संबंधित नहीं होता बल्कि यह मूत्र-प्रणाली और किडनी जैसे अंगों मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग से संबंधित होता है। पेशाब में जलन की समस्या पुरुषों की तुनला में महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है, इसका कारण महिलाओं और पुरुषों के मूत्रमार्ग की लंबाई में अंतर होना। पेशाब में दर्द, जलन या चुभन का होना अनेक चिकित्सकीय कारणों का संकेत हो सकता है।

पेशाब में जलन (डिस्यूरिया) होने के कारण

शरीर में किसी भी तरह का कोई बदलाव किसी खास अवस्था या कारण का संकेत हो सकता है। इसी तरह पेशाब जलन होने के भी कई कारण होते हैं जैसे-

  • पेशाब में जलन होने का सबसे आम कारण होता है मूत्रपथ का संक्रमण,UTI (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफैक्शन) जिसे urinary tract infection (UTI) भी कहा जाता है। इस संक्रमण में बड़ी आंत से आया ई-कोली नामक बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश कर जाता है और मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग को संक्रमित कर देता है। यह गंभीर रूप तब ले लेता है जब यह किडनी में प्रवेश कर जाता है।
  • पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथी के बढ़ जाने के कारण उन्हें पेशाब में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसमें कभी-कभी पेशाब का कम आना या टपक-टपक कर आने जैसी स्थिति भी सामने आता है।
  • यौन संचारित संक्रमणों (sexually transmitted infection (STI) के कारण भी पेशाब में जलन होती है। ऐसे संक्रमणों को पहचानने के लिए जाँच कराना आवश्यक होता है क्योंकि ये जल्दी से लक्षण नहीं दिखाते।
  • पेशाब में जलन का एक कारण सिस्टिटिस है यानि मूत्राशय के अंदरूनी भाग में सूजन। इंटरस्टीशियल सिस्टिटिस (IC) को दर्दनाक मूत्राशय सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है। यह सिस्टिटिस का सबसे आम प्रकार है।
  • किडनी में पथरी होने के कारण भी पेशाब में जलन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। किडनी की पथरी कभी-कभी मूत्रवाहिनी, मूत्राशय में रुकावट का कारण बन जाती है जिससे पेशाब आने मं परेशानी होती है।
  • अंडाशय में सिस्ट (Ovarian cysts) हो जाने से भी पेशाब में जलन जैसी समस्या आती है क्योंकि अंडाशय मूत्राशय के बाहर होता है जिसमें सिस्ट हो जाने से वह मूत्राशय पर दबाव डालता है जिसके कारण पेशाब में समस्याएँ आती हैं।
  • यदि आप वह रासायनिक पदार्थ उपयोग करते हैं, जिन्हें आपका शरीर सहन नहीं कर सकता तो भी आपको पेशाब में जलन संबंधी परेशानियाँ देखने को मिलती हैं। इसे रासायनिक संवेदनशीलता (Chemical sensitivity) कहते हैं। यह आम तौर पर परफ्यूम, साबुन, टॉयलेट पेपर इत्यादि से होता है।
  • योनि में संक्रमण या जलन (Vaginal infection or irritation), किन्हीं अन्य कारणों जैसे यीस्ट, फंगल, बैक्टीरिया आदि से हुआ संक्रमण भी पेशाब की जलन का कारण होता है।
  • मूत्राशय कैंसर (bladder cancer) जैसी बीमारियों के इलाज में दी जाने वाली दवाइयाँ भी मूत्राशय के उतकों को प्रभावित कर देती है जिससे पेशाब में जलन होना एक सामान्य समस्या है।

क्या होता है मूत्र संक्रमण (UTI)

मूत्र संक्रमण (UTI), पेशाब में होने वाली परेशानियों का एक सबसे प्रमुख कारण होता है। यह संक्रमण आम तौर पर तब होता है जब बड़ी आंत का बैक्टीरिया ई-कोली मूत्रमार्ग के माध्यम से मूत्रपथ में प्रवेश कर जाता है। यह मूत्रपथ के किसी भी अंग- मूत्रवाहिनी, मूत्राशय, मूत्रमार्ग और किडनी में संक्रमण कर सकता है। यह मुख्य रूप से पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक देखने को मिलता है। इसका कारण पुरुषों (20 सेमी) की तुलना में महिलाओं में मूत्रमार्ग (4 सेमी) कम होता है।

इसके अलावा मधुमेह के रोगी, या अधिक उम्र के पुरुष जिन्हें प्रोस्टेट की परेशानी हो, किडनी की पथरी और गर्भावस्था में UTI का संक्रमण होना भी सामान्य होता है। UTI के सामान्य लक्षण पेशाब में जलन होना, पेशाब में तेज गंध आना, झागदार पेशाब आना और पेशाब की तेज इच्छा होने के बाद भी कम मात्रा में पेशाब आना हैं। अगर संक्रमण किडनी तक पहुँच गया है तो बुखार का आना और किडनी का दर्द भी सामान्य है।

पेशाब में जलन (Dysuria) होने पर कौन सी जाँच कराएँ

युरीन कल्चर परीक्षण (urine culture test)-

इस परीक्षण के माध्यम से विशेषज्ञ यह पता लगाते हैं कि कौन से बैक्टीरिया के कारण संक्रमण हुआ है। साथ ही इसी परीक्षण के अनुसार ही आपके UTI में कौन सी दवाइयाँ या आंटीबायोटिक देनी है, विशेषज्ञ तय करते हैं। इस जाँच का परिणाम (report) आने में लगभग 48 घंटे यानि 3 दिन लगते हैं।

मूत्र-विश्लेषण (Urinalysis test)-

यह परीक्षण आपकी लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और बैक्टीरिया को जानने के लिए किया जाता है। आपके मूत्र में पाए जाने वाली सफेद और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या संक्रमण की गेभीरता के बारे में बताती है।

अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)-

इस परीक्षण को किडनी की पथरी की जाँच के लिए किया जाता है।

कंप्यूटराइज़्ड टोमोग्राफी (computerized tomography test “CT scan”)-

यह परीक्षण तब किया जाता है जब आपको इलाज के बावजूद बार-बार UTI हो रहा हो और विशेषज्ञ को शंका हो कि कहीं आपके मूत्र पथ (urinary tract) में कोई असामान्यता तो नहीं।

मूत्राशयदर्शन परीक्षण (cystoscopy test)-

विशेषज्ञआपके मूत्रमार्ग और मूत्राशय के अंदर देखने के लिए एक लंबी, पतली ट्यूब के साथ लेंस (सिस्टोस्कोप)  का उपयोग करते हैं। परीक्षण की विधि को सिस्टोस्कोपी कहा जाता है। सिस्टोस्कोप आपके मूत्राशय से होते हुए  मूत्रमार्ग में डाला जाता है। इस जाँच को बहुत ही कम लोगों पर किया जाता है, आमतौर पर जिनके लिए संक्रमण गंभीर रूप ले चुका हो या बार-बार हो रहा हो।

पेशाब में जलन (Dysuria) का इलाज

जैसा कि हमने जाना कि प्रत्येक मरीज में पेशाब में जलन होने के कारण कई हो सकते हैं, कारण की गंभीरता अलग हो सकती है साथ ही मरीज की स्वास्थ्य स्थिति भी अलग हो सकती हैं। नीम-हकीमों की बाते में आकर अपने रोग को और गंभीर न होने दें विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही कोई इलाज शुरु करें।

इलाज शुरु करने से पहले विशेषज्ञ आपस पूछ सकता है कि आपको पेशाब में जलन-अचानक शुरु हुई या पहले से ही धीरे-धीरे होती आ रही है, एक से अधिक बार होती है या बार-बार होती रहती है। इसके अलावा आपके रोग के लक्षणों, खान-पान की आदतों आदि पर बात करके ही आपके लिए एक इलाज सुनिश्चित करेगा।

आमतौर पर UTI, इंटरस्टीशियल सिस्टिटिस (IC) और यौन संचारित संक्रमणों (STI) जैसे संक्रमणों का इलाज एंटिबॉयोटिक दवाओं से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आपका विशेषज्ञ आपके इलाज के लिए जितनी एंटिबॉयोटिक दवाओं का परामर्श दे आपकों वे  सारी खानी होती हैं।

इसके अलावा प्रोस्टेट जैसी बीमारी का इलाज आम तौर पर सर्जरी के माध्यम से ही होता है। किडनी की पथरी के इलाज के लिए विशेषज्ञ अलग-अलग सलाह दे सकते हैं जैसे- पानी अधिक पीना जिससे (5मिमि.) तक की किडनी मूत्र के माध्यम से मिकल जाए। अगर पथरी 5-10 मिमि. के बीच की है तो उसके विशेषज्ञ सर्जरी की सलाह दे सकता है।

पेशाब से संबंधित अन्य साधारण लक्षण

पेशाब रुक-रुक कर या कम आना-

यह लक्षण आम तौर पर बूढ़े या अधिक उम्र के पुरुष जिन्हें प्रोस्टेट ग्रंथी की परेशानी हो।

पेशाब बंद होना-

यह लक्षण मूत्रप्रणाली में रुकावट को दर्शाता है और किसी गंभीर स्थिति का संकेत देता है, जैसे मूत्रवाहिनी, मूत्राशय, मूत्रमार्ग और किडनी में पथरी का होना।

पेशाब में खून आना

यह मूत्रराणाली के किसी भी अंग में गंभीर रोग जैसे कैंसर, इन्फेक्शन, पथरी आदि का संकेत हो सकता है

पेशाब में झाग आना-

यह लक्षण मूत्र के माध्यम से अधिक मात्रा में शरीर से बाहर जा रहे प्रोटीन को दर्शाता है। साथ ही नेफ्रोटिक सिंड्रोम जैसी बीमारी का संकेत हो सकता है।

Comments are closed.

VIDEO CONSULTATION with Dr.Prashant (Fees Rs.1000)BOOK a video consultation
+ +